दिन १: लखनऊ आगमन- नेपालगंज ( ४ घंटे की मुसाफ़री )
लखनऊ आगमन के समय पे हमारा प्रतिनिधि आपका स्वागत करेंगे और आपको नेपालगंज होटल में ले जानेके लिए सहाय करेंगे ( नोध : रास्तेमे, ब्रेकफास्ट और लंच आपके स्वयम के खर्च से ) – रात्रि दरम्यान कल्पतरु होटल जेसी होटल में रात्रि विश्राम ( तिन तारक ) और होटल सिध्धार्थ में और उसके जेसी होटल – नेपालगंज में . (एक कमरे में दो व्यक्ति)
दिन २: नेपालगंज से विमान यातायात (२८७० मीटर)- सिमिकोट - तकलाकोट (पूरांग) (३९०० मी. )
प्रात:कालीन नक्की किए गए विमान द्वारा सिमिकोट ( १ घंटे की विमान यात्रा) और सिमिकोट एरपोर्ट से दूसरा हेलिकोप्टर द्वारा हिलसा एरपोर्ट पर उतरान ( १५ से २० मिनिट का यातायात ) और १५ मिनिट का ट्रेकिंग सरहद पार करनेके लिए और उसके बाद ड्राइव करके पुरांग / तकलाकोट ( १.५ घंटे ) रात्रि विश्राम पुरांग में होटल हिमालय में (४ तारक ) अथवा होटल पुरांग और इसके जेसी केटेगरी. (बाथरूम के साथ एक कमरे में तीन से चार व्यक्ति)
दिन ३: तकलाकोट (पुरांग) में पूर्ण दिन
उच्चतल पर्वत की मौसम के अनुकूलन होने के पूर्ण दिन I छोटा ट्रेकिंग, परिक्रमा की तैयारी के लिए, कीया जायेगा I रात्रि विश्राम पुरांग में होटल हिमालय में ( ४ तारक ) अथवा होटल पुरांग में
दिन ४: तकलाकोट (पुरांग) से मानसरोवर
सुबह , वाहन द्वारा ड्राइव करके ( पवित्र मानसरोवर लेक _ १.५ घंटे और मानसरोवरकी परिक्रमा ७२ की.मी. / ३ घंटे में I पवित्र स्नान के बाद हमारे पुरोहित (पुजारी) द्वारा मानसरोवर में पूजा और हवन कीया जायेगा I रात्रि विश्राम चियु गेम्पा में , परमाँर्थ गेस्टहाउस और इसके जेसी केटेगरी में मुकाम की व्व्यास्था ( डॉर्मेटरी टाईप रुम )
दिन ५: वाहन द्वारा ड्राइव करके दार्चेन् – तारबोचे (यम द्वार) और देरापूक ट्रैकिंग द्व्रारा (रात्रि मुकाम डीराफुक)
सुबह जल्द ब्रेकफास्ट के बाद , वाहन द्वारा ड्राइव करके दार्चेंन ( १ घंटे ) और सतत मुसाफ़री करके तार्बोचे ( यम द्वार ) – ८ की.मी. / २० मिनिट और कैलाश परिक्रमा के प्रथम दिन की यात्रा का आरम्भ करोंगे I देरापूक के लिए (१३ की.मी. / ६ घंटे ) रास्ते में नास्ता के लिए हल्का नास्ता पेक करके दिया जायेंगे I और जो लोग चरणस्पर्श के लिए जाना चाहते हैं तो हमारे कर्मचारी चरण स्पर्ष दर्शन के लिए सहायता करेंगे (चरणस्पर्श चीनी सेना या गाइड द्वारा दी गई अनुमति के अनुसार और आपकी स्वास्थ्य फिटनेस पर निर्भर करता हैं) और हम माउंट कैलाश की ओर अधिक से अधिक चलेंगे, वहाँ कुछ सीमा बिंदु है जहाँ से हमें वापस लौटना होगा | रात्रि भोजन और रात्रि विश्राम शिशापंगमा और वोंग्दा गेस्टहाउस में दिया जायेगा I ( डॉर्मेटरी टाईप रुम )
नोघ : जो यात्री परिक्रमा के लिए नहीं जायेगा वो लोग दार्चेंन में होटल हिमालय और इसके जेसी केटेगरी में रात्रि विश्राम करेंगे I(बाथरूम के साथ एक कमरे में तीन से चार व्यक्ति)
दिन ६: ट्रैकिंग करके जुतुलफुक (४७५० मी.) २२ की.मी. / ९ घंटे
यह यात्राकी बहोत कठिन मुसफरिका दिन हे और उसके लिए हंमेशा यात्री लोग चर्चा करते रहते हे I यह १८,६०० फिट चद्दान वाला दिन हे ( डोल्मा-ला पास )- और उसके बाद निचे उतरान करके गौरी कुंड पहोचना होगा और तत;पचात ज़ुतुल्फुक नदीके पास पास ट्रैकिंग करना होगा और जो तीर्थयात्री डीराफुक से आगे कोरा नहीं जा रहे हैं, वे वापस डारचेन लौट आएंगे और यदि कोई वापसी करने वाले सदस्य चाहते हैं तो चरण स्पर्ष के लिए फिर से एक और मौका मिलेगा I रात्रि भोजन – डिनर – नोर्पेल गेस्ट हाउस में उपलब्ध किया जायेंगा I ( डॉर्मेटरी टाईप रुम )
दिन ७: जुतुलफुक – दार्चेंन – मानसरोवर / सिमिकोट
सुबह ब्रेकफास्ट के बाद हम लगभग ८ की.मी / २ घंटे का ट्रैकिंग करेंगे और अपनी बस जहा हमारा राह देख रही होगी , वहा पहुचेंगे दार्चेंन जाने के लिए I दुप्रहर का लंच के बाद मानसरोवर लेक के लिए यात्रा आरम्भ करेंगे I ( यदि पूर्णिमा का दिन होंगा तभी ) हम लोग के रात्रि विश्राम के लिए परमार्थ और इसके जेसा गेस्ट हाउस में वव्यस्था की जाएगी और जो तीर्थयात्री आगे कोरा नहीं जा रहे हैं, वे वापस डारचेन लौट आएंगे और यदि कोई वापसी करने वाले सदस्य जाना चाहते हैं, तो आज फिर से एक और मौका मिलेगा I ( डॉर्मेटरी टाईप रुम )
और , यह प्रोग्राम में पूर्णिमा का दिन नहीं होगा तो , आपका प्रोग्राम आपकी यात्रा सूची दिनांक के मुकाबिक होगी , पहेले हिल्स्सा जायेंगे और वहासे उद्दान द्वारा सिमिकोट जायेंगे I रात्रि विश्राम हिल्स्सा और सिमिकोट के गेस्ट हाउस में करेंगे I
नोघ : हम मानसरोवर ( चियु गेम्पा ) में रात्रि विश्राम करेंगे जब इधर पूर्णिमा का दिन होंगा वर्ना हम हिलसा की और यात्रा आरम्भ करेंगे और यहाँ भी हम रात्रि विश्राम करेंगे और अगर समय रहा तो हेलिकोप्टर द्वारा हम उद्दान करके सिमिकोट पहोंच जायेंगे और वहा रात्रि विश्राम करेंगे I
दिन ८: तात:पचात मान सरोवर से ड्राइव करके हिलसा पहोंच जायेंगे और वहासे उद्दान करके सिमिकोट- नेपाल गंज- लखनऊ
यदि आपका प्रोग्राम पूर्णिमा के अनुशार होंगा तो आप यात्रिओ को काल जल्द उठ जायेंगे और ब्रेकफास्ट करेंगे और लगभग ८ AM वाहान द्वारा , अल्प नास्ता पेक के साथ, ड्राइव करके तकलाकोट पहोचेंगे , वहा ईमीग्रेशन और कस्टम की प्रक्रिया पूर्ण करेंगे – और चीन सरहद क्रोस करके -नेपाल सीमा पहोचेंगे – वाहन ड्राइव करके हिलसा और उद्दान करके सिमिकोट-नेपाल गंज I नेपाल गंज आगमन के बाद आपकी यात्रा प्रतिनिधि आपके लिए वाहान, लखनऊ जानेके लिए, उपलब्ध करायेंगे
दिन ९: फ्री / मुक्त / बफर दिन
यह दिन को फ्री / बफर दिन तरीके कोई अनिवार्य विलम्ब / केन्सेलेसन जेसे परिस्थिति निर्मित होने पे/ एडजस्टमेंट के लिए रखा गया हे I एक दिन आपके आराम प्रमोद के लिए रखा गया हे क्युकी विमान और हेलिकोप्टर कभी कभी समय पर नहीं उड़ते हे और संगोज्वाशत ख़राब वातावरण के कारण कभी उड़न केंसल भी होते हे और ज्यादा यात्रीओ के जमा होने पर भी सिमिकोट अथवा हिलसा के लिए उड़न रद्द होता हे
इस तरह, आप को पहेला वाले किसी दिन का रात्रि विश्राम सकते हे और जब भी आप लोग नेपाल-गंज पहोंच पाहेंगे और हम आपका लखनऊ के लिए प्रस्थान की वव्यस्था कर देंगे I
९ दिन कैलाश मानसरोवर यात्रा – हेलिकोप्टर द्वारा लखनऊ से लखनऊ
भारतीय नागरिक के लिए लागत प्रति व्यक्ति Rs. 2,20,000/-pp (1,590 USD <1$=78INR> + INR 95,980/-)Per Person + GST
नोट: – यह लागत पूरी तरह से डॉलर विनिमय दर और चीन सरकार पर निर्भर है।
घोड़े और पोर्टर लागत कैलाश परिक्रमा के लिए अतिरिक्त होगी
1. घोड़े लागत Rs. 32,000/- से 35,000/- (युआन 2800 से 3000) प्रति व्यक्ति
2. पोर्टर लागत Rs. 9,000/- से 11,000/- (युआन 800 से 1000) प्रति व्यक्ति
नोट: – घोड़े और पोर्टर पूरी तरह से चीन सरकार पर निर्भर है
भुगतान:प्रारंभिक बुकिंग राशि Rs.20000/only(Consulting fee Non-refundable)पासपोर्ट की रंग प्रति के साथ
नोट: विदेशी पासपोर्ट धारक: चीन वीजा और नेपाल वीजा और करों के प्रति 560 डॉलर का अतिरिक्त शुल्क।
निम्न लिखित सेवाओ का उसमे समावेश नहीं हे :
Shiva’s second home Adi Kailash is approx. 60 KMs before to Mt Kailash & falls in Indian territory. Mt. Adi Kailash is the place where Shiva meditated, halted for 1st night while going for his marriage & Ravana got boon of 10 heads.
Om Mountain in Pithauragarh of Uttrakhand is probably among rare mountains which fall in 3 countries. Adorned with Shiva’s sign of ॐ on top of it, this is the only mountain could be found among total 8 which exists similarly on the planet. This strange creature of universe is at 3 countries border of India, Nepal & Tibet. But its boon of Shiva that ॐ is visible from India side only.
The ‘Lake of Compassion’ accompanied with a plethora of bygone tales which is also known as the location where Goddess Parvati acquired back Lord Ganesha- the Gauri Kund is amongst the most winsome lakes all across the globe
This mysterious temple is mainly dedicated to God Shiva & also called Cave Temple. It exists under the ground & discovered in Treta Yug. In Dwapar Yug, Pandavas also discovered it again. This natural rock temples have almost every deity in it & is believed to be replica of ancient pilgrimage places.
Famous Neem Karori Baba is believed as an incarnation of Shri Hanuman. Since Hanuman ji was blessed with the boon of never dying, it’s believed that Neem Karori Baba is also present there in some form of energy. That’s the reason that millions of devotees visit to this place to get blessed with solutions to the problems they are facing.
Chitai Golu Mandir is a unique kind of temple which is famous for a purpose to achieve. This temple’s deity Golu Devata is also called God of Justice and people facing legal problems & disputes visit this temple to put application in front of Golu Devata in his Temple.
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९ दिन कैलाश मानसरोवर यात्रा – हेलिकोप्टर द्वारा